RESPECTED WOMEN - 1 # सम्मानित औरतें ( Part 1 )
# सम्मानित औरतें (Part - 1)
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औरतें |
हर घर में सम्मानित औरतें बसती है ।
बहुत सुन्दर , सजी - सँवरी ,माडर्न एक माडल जैसी
जिनको देखकर कोई अन्दाज़ा
नही लगा सकता कि वो किस मिट्टी से बनी है ।
भगवान ने ऐसी # सहनशीलता भरी है उनके अन्दर कि ... घर -परिवार ,समाज तक के लिये कुछ भी कर जाती है ।
हाँ हम सबके अन्दर बसती है
रहती है यहीं आसपास...
वो किसी ना किसी मुखौटे को ओढ़े
रहती है यहीं आसपास...
वो किसी ना किसी मुखौटे को ओढ़े
एक मनमोहिनी मुस्कान बिखेरे सबको भ्रमित करती है ....
कोई भी पति और परिवार
नवआगुंत पत्नी के अन्दर की चुलबुली
नवआगुंत पत्नी के अन्दर की चुलबुली
लड़की को नही पहचान पाता ,
और पहना देता है एक गंभीर जामा
उसकी इच्छाओं पर , उसके उन सपनों पर ,
उसकी इच्छाओं पर , उसके उन सपनों पर ,
जो आकाश की उचाईयों को छूना चाहते है ...
जीना चाहते है क़ामयाबी का ख़ाब देखते है
दब जाते है सारे अहसास ...... रंगीन सपने ,
आँखों में चमकते जुगनूं की जगह
भर दी जाती है ....दक़ियानूसी ज़लालत भरी सोच ,
के तहत उसके # वजूद
भर दी जाती है ....दक़ियानूसी ज़लालत भरी सोच ,
के तहत उसके # वजूद
तक को क़ैद कर लिया जाता है ,
ता- उमर रूह .......
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