Moon चाँद
सुन ना अ चाँद क्यूँ ..
इतने पास आकर तू खो गया है ?
क्यूँ हर दिल में उमंग जगा कर ,
जाने कहाँ तू खो गया है?
ढाँप लिये है ढेरो हमारे सपने तूने ,
अपने ही आगोश में,
देख तेरी रूसवाई ...ऐसी ,
देश सारा भर गया है जोश में ।
हाँ ,सजल हुऐ थे पल भर को नयन हमारे ,
भावुकता हमारी पहचान है ,
“सिवन“पर है बहुत गर्व हमें,
इरादो में तो हम पक्के फ़ौलादी इन्सान है ।
कर ले चाहे तू कितने भी सितम अ चाँद ,
देखते है तुझको रोज, तेरी ही ज़मीं पर
हाँ तेरी ही ज़मीं पर ... अब तो ,
हाँ तेरी ही ज़मीं पर ... अब तो ,
हिन्द का ध्वज लहराना है ।
ज़मीं पर तेरी आकर रहेंगे ,
तुझको तो पाकर ही रहेंगे ,
इसरो को तो चाँदे -इश्के जुनून में ,
अब आगे ही आगे बढ़ते जाना है ।।
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