Moon चाँद

चाँद 

Moonचाँद , Alfaaz Ankahy Say Moon
Moon

चाँद   


 सुन ना  चाँद क्यूँ ..
इतने पास आकर  तू खो गया है ?
क्यूँ हर दिल में उमंग जगा कर ,
जाने कहाँ तू खो गया है


ढाँप लिये है ढेरो हमारे सपने तूने ,
अपने ही आगोश में,  
देख तेरी रूसवाई ...ऐसी , 
देश सारा भर गया है जोश में   


हाँ ,सजल हुऐ थे पल भर को नयन हमारे , 
भावुकता हमारी पहचान है ,
सिवनपर है बहुत गर्व हमें
इरादो में तो हम पक्के फ़ौलादी इन्सान है  


कर ले चाहे तू कितने भी सितम  चाँद ,
देखते है तुझको रोजतेरी ही ज़मीं पर  
हाँ तेरी ही ज़मीं पर ... अब तो ,
हिन्द का ध्वज लहराना है    


ज़मीं पर तेरी आकर रहेंगे , 
तुझको तो पाकर ही रहेंगे ,  
इसरो को तो चाँदे -इश्के जुनून में ,
अब आगे ही आगे बढ़ते जाना है ।।


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