WHEN LOVE ....... प्यार कब ..........
कि लब पे ना होती है शिकायत
ना दिखती है आखोँ में नमी
होंठों पे इक मुस्कुराहट खेलती है
दिखती है हँसी आँखों में ...
होले -होले दर्द अँगड़ाई लेता है
सीने में उठता है इक ग़ुबार सा ..
फिर भी...
लफ्जो में बस प्यार ही छलकता है ।
उन्हीं लम्हों में ही तो प्यार ....
मैच्योर हो जाता है ।
ना लड़ना -झगड़ना
ना कोई शिकवे -शिकायत
दूभर भी ना लगे फिर देर से ....
उसका आना ,
नशा इक छाया रहे उसके इन्तज़ार का
ना ग़ुस्से से आखोँ से दर्द छलके...
रहे छाई ख़ुमारी दिलबर के नाम की
जब प्यार बन जाये सिर्फ़ इबादत ..
यार की ...
बस यूँ ही .... अनजाने ही में
प्यार मैच्योर हो जाता है
कशिश होती है बातों में उसकी
ख़्यालों में उसकी ,यादों में उसकी
जहाँ जिस्मो की नही ..
रूहों से बात होती है
होठ जहाँ लफ़्ज़ों की मोहताज नही होते
ख्याल बन हमख्याल , ख़ामोशियाँ
आखोँ से गुनगुनाती है ...
ईश्क की इबादत पुरज़ोर हो जाती है ....
वोह अहसास ...
ही जब रूहें -सकूं बन
जाता है ..
हाँ ....
प्यार तब ...
खुदा हो जाता है ।।
ग़ज़ब ल
ReplyDeleteSUKRIAAA.... SIR .
Deleteग़ज़ब लिखा है,ब
ReplyDeleteThanks a lottt... Sir ..
Deleteबेहतरीन उम्दा बेनज़ीर शानदार आला दर्जे का लिखा है
ReplyDeleteThank you from the depth of the Heart for this Inspiration.. ..... SUKRIAA
DeleteGajab
ReplyDeleteTHANQ ... SO MUCH SIR .
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