Maa , माँ तेरे स्वागत में
माँ तेरे स्वागत में
MaaMaa |
माँ तेरे स्वागत में *
माँ तेरे स्वागत में खड़े ले पूजा का थाल ,
बड़े भाग्य हमारे जो बनी आप मेहमान ,
हुऐ मनोरथ पूरे माता आपके आने से ,
चार चादँ लग गये भाग्य मे आपके आने से ,
आपके शुभागमन पर बढ़ गई हमारी शान ,
स्वागत में माँ आपके उत्साहित है आज ,
हुऐ कृतार्थ अम्बे माँ , फूले नही समायें ,
किस प्रकार से करे स्वागत ये समझ ना आये ,
प्रफुल्लित मन इतना है कुछ शब्द न कह पाएं,
शैलपुत्री तुम प्रथम कहलाती,हिमराज की सुता कहलाती,
द्वित्य ब्रह्म चारिणी हो तुम,दुखियों की दुखहारिणी हो तुम,
चंद्र घटना तृतीय रूप है तेरा,दुष्ट प्रकम्पित होते सारा,
कुश्मांड़ा तेरा रूप चतुर्थकम,उल्लास का देती नया सोपनं,
पंचम स्कन्द माता कहलाती,कार्तिकेय के संग पूजी जाती,
षष्टम कात्यायनी हो तुम,कात्यान ऋषि की सुता हो तुम,
कालरात्रि तेरा सप्तम रूप है,दुष्टो का बेडा गर्क है,
अष्टम में तुम महा गौरी,कुंदन सुमन सी कोमल नारी,
नवम सिद्धि दात्री हो तुम, सुख समृद्धि और
मोक्ष की माता हो तुम, अभिन्नदन जो करे माँ आपका
उसे स्वीकार करे माँ ,
क्षमा करना हे माते जो भूले अनजाने में करदे माँ ,
पूर्ण भाव से माँ तेरे स्वागत में खड़े ले पूजा का थाल ,
बड़े भाग्य हमारे जो बनी आप मेहमान माँ ,
बड़े भाग्य हमारे जो बनी आप मेहमान माँ !!
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