When .....You Held My Hand , जब हाथ थामा था तुमने मेरा
जब हाथ थामा था तुमने मेरा *
When. |
When...When ....
जब हाथ थामा था ..... तुमने मेरा
बता अ जिन्दगी कैसा लगा जब पहली -२ बार हाथ थामा था मेरा ,
माँ की कोख से पलके मूँदे, आई नन्ही उगलियों से हाथ थाम कर तेरा ।
माँ ने उँडेला वात्सल्य अपना सारा ,सुनहरा बचपन दिखलाया ,
अपनी नन्ही परी के पग-पग पर आत्मविश्वास जगाया ।
हाथ जो थामा है तुमने ..क्या साथ दे पाओगी ,
या यूँ ही मँझधार में बना डूबती नैया ,क्या छोड़ जाओगी ,
When... |
हसँ कर बोली जिन्दगी , हौसलें है गर बुलंद तेरे तो ,
जीवन की तपती मरूभूमी में शीतलता का मधुर संगीत गुँजाऊगीं ।
बन छाया ,मगंल गा , चलूँगी फिर पीछे तुम्हारे ,
धूमिल टेढ़े-मेढ़े रास्तों के धूसर मिजाज में भी सुर-लहरी बन जाऊँगी ।
कितना भी लंबा हो ये सफर , मधुर स्मृतियों से सज़ा ,
हटा संध्या तिमिर का अवसाद सुखद उजियारा भर लाऊँगी ।
चुन शूल ,पथ के ..सारे तेरे, फूल -सितारों से राह सज़ा ,
जीवन क्षितिज के माथे पर बन कुंमकुंम ,तुम्हें ईश्वर की ख़ूबसूरत सौग़ात बनाऊँगी ।
जब हाथ थामा था तुमने मेरा ,निडर , निर्भय और निश्छल हुई ,
सृष्टि के आरम्भ में , अन्त में अक्स दिखता रहे केवल ..तेरा ही , बस तेरा ही ।।
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