Kuch Khyal कुछ ख्याल
कुछ ख्याल बेवजह से ....
kuch-khyal |
# कुछ ख्याल बेवजह से ....
कुछ बारिश बेमौसम होती हैं..और भीगने वाला भी
इस अचानक आई बेवजह बूँदों को हमेशा याद रखता हैं ..!
जैसे तुम्हारे घर पर अचानक मेरा आना और
मेरा मनपसंद हलवे का बनना..इत्तफ़ाक...!
हमारी जोड़ी बनने का शगुन कानों में..और फिर ...
उस हलवे में मीठे बुरे की जगह गलती
से नमक का डल जाना..!
क्या कहती मै !
गलती , बेइज्जती या बेरूखी...
प्यार का नाम लेती तो बेशर्मी और
ना लिया तो हिम्मत की कमी..
खैर मौसम था ..बरस गया..
वहीं रातरानी के गुच्छें महकते हैं..
जिनके नीचे ..
एक उम्र गुजारी थी...नादान सी...!
Comments
Post a Comment