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मन्नतों का घर      

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मन्नतों का घर 


# मन्नतों का घर 


दिवारे में रिश्तो की महक , 
माँ की दुआओं से बनी छत्त ,
आँगन में खिलखिलाती हसीं , 
ये मकाँ नही मेरी मन्नतों का घर है  
हम इसे घर की छत्त नही 
माँ का आँचल कहते है ,
सकूं मिलता है बहुत इसकी पनाह में , 
 थक कर सो जाता हूँ गोद में इसकी ,
मिल जाती है सासें जिन्दगी को.. 
लम्हें , अहसास गुनगुनाते है इसमें , 
छोटे से बड़े हुए है सारे सपने समें , 
माँ -बाप की दुआओं से बनी है ये छत्त ,
ये मकाँ नही मेरी मन्नतों का घर है 

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