Peryavern Divas पर्यावरण दिवस
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# पर्यावरण दिवस
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# पर्यावरण दिवस |
# पर्यावरण दिवस
नोच रहे हो हर पल मुझको , काट रहे हो हर दिन मुझको ,
बिन मेरे,कैसे तुम बच पाओगे ? आज काटते हो जो # बेरहमी से मुझको ,
झुलस रहे हो गर्मी में रोज तुम ठडंक कहा से पाओगे ?
सासं लेना होगा दूभर तुम भी बिन मेरे जी न पाओगे ,
हमीं से है जीवन जीवों का, जो धरा पर आएंगे।
नहीं रहे अगर जमीं पर हम, जीना दूभर हो जाएगा।
त्राहि-त्राहि जन-जन में होगी, हाहाकार भी मच जाएगा।
नदियों के निर्मल पानी में, गन्दगी बहा दी अपनी हमने,
गंगा यमुना को दूषित कर, दिया विनाश को निमंत्रण हमने ।
ना सुधरे हम तो पीने के पानी को भी तरस जायेंगे ,
कर प्रयोग प्लास्टिक का रोज हवा में ज़हर घोला है ,
विकास के नाम बीमारी को न्यौता दे रहे है ।
घर -घर फैलेगी बीमारी स्वास्थ्य कहाँ से पायेंगे ।
गर ना संभले अभी भी जीवन हाथ से निकल जायेंगे ।
आओ मिल पर्यावरण बचायें,धरती माँ के क़र्ज़ चुकाये ,
सब मिल पेड़ लगाये , धरा को प्रदूषण मुक्त बनाये ।
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