BATI बेटी

बेटी

 बेटी
बेटी

   # बेटी 

इक हसरत बन वो मुझमें पलती है  ,

आकर ख़्वाबों में पलको पे मचलती है ,
बन इक ख़ूबसूरत आरज़ू  रहती है दिल में ,
परी मेरी ,नाज़नीन सी नन्ही गुड़िया कभी - झगड़ती है ,
रुनझुन -रुनझुन बजे पायल मन आगंन में खेल रही है , 
परछाईं इक -दूजे की है हम दोनों का मेल यही है ।।
पूरक है हम ,बेटी मेरी वोह ,मैं हूँ माँ उसकी 
महक उसकी हर पल मुझमें बोल रही है ।।
 बेटी
 बेटी










Comments

Popular Posts