NOMADIC DESIRES,,,, Khaanabadosh Hasarate ख़ानाबदोश हसरतें
ख़ानाबदोश हसरतें
ख़ानाबदोश हसरतें |
ख़ानाबदोश सी हसरतें
है मेरी ....
पल -पल सँवरती है ,
पल -पल बिखरती है
बेलगाम हो यहाँ -वहाँ ,
कहाँ -कहाँ भटकती है
खो गया है सकूँ ,कहीं
इन गलियों मे ...
जहाँ बेसबब ये बसती है ,
हसरत है.......
कि मिल जाओ ,
हसरत है कि मिल जाओ
इक बार ...
मेरी तिश्नगी तो
अभी बाक़ी है ,
बोसा बोया था ...
जो होंठों की तहरीर मे ,
महक रहा ...है
फूलो की मानिंद
बन के क़तरा -क़तरा ,
वो दिल मे समाया है !
इन्तज़ार में...
पिघलती है ,
पल में ही सुलग जाती है ,
या ईलाही ...
उफ़्फ़ ये माजरा भी क्या है ?
ज़रा सी मोहल्लत भी ...
उसे कभी अता न करे
इतना भी बेख़बर किसी को
कभी ख़ुदा न करे.....
ख़ानाबदोश सी हसरतें है
मेरी ....
पल -पल सँवरती है ,
पल -पल बिखरती है ।।
ख़ानाबदोश हसरतें |
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