DEHLEEJ TERE DIL KI दहलीज़ तेरे दिल की
दहलीज़ तेरे दिल की
दहलीज़ तेरे दिल की
दहलीज़ तेरे दिल की |
रख दिये है क़दम ... जो
तेरी # दहलीज़ पे अ सनम
लिख दी अब ये ज़िन्दगी
मेरी ,तेरे नाम अ मेरे हमदम
दायरे है तेरी चाहत के घेरे है
हर पल मुझको
मेरी सोच का ...
हर एक लम्हा होता है
शुरू ......
तुम्हीं से।
और ख़त्म भी तुम्हीं पर ..
हर बार लिखा ..
कई बार है मिटाया
मिटने पर हर बार
दहलीज़ तेरे दिल की |
नज़र तो ....बस तूँ ही है आया
खींच लिया है # दायरा
बड़ी मुद्दत से ...
आकर # दहलीज़ पे तेरी
गर निकलूँ ,
कभी ख़ुद से तो ..
रस्ता देखूँ किसी और का
THANKS...
ReplyDelete