COLOURLESS , बेरंग थी मै

                                          

                                      # बेरंग थी मै                      

 बेरंग थी मै
बेरंग थी मै 


# बेरंग थी मै 


बाँध डोर प्रीत की 

लगा गाल से रगं ऐसे 
भूल ना पाऊँ 
प्रेम पावन ये होरी रे 
 बेरगं थी  मै  ...
बह तेरे रंगो  में
भीगती रही उम्र भर .... 

तेरे प्यार की ख़ुशबू 

महकाती रही रूह मेरी 
सफ़ेद रगं ने उजरा किया 
मल पीला रगं मोहे ,
 तन गोरा..किया
हरे रगं ने बांध दिया 
सागर सा गहरा रिश्ता 
तेरे प्यार के रगं ने 
रूह को सुर्ख लाल किया
ख़ुशबू  तेरे प्यार की 
महकाती रही रूह मेरी .....
गुस्ताखियाँ तेरी ये 
अलबेली सी ...
गुलाबी रगं मे रगं गई 
गुलहर के फूलों सी 
कैेसरिया रंग.. 
पलाश  के  फुलों  सा 
सुर्ख तेरा प्यार रगंता रहा 
मेरे मन का हर इक छोर ,
पूर्वा के  संग -संग  
उड़ते  रहे 
चाहतों  के  गुबार 

बूँद -बूँद मे गुम सा है ये 

सावन भी तो 
कुछ -कुछ तुम सा है 
कोरी थी मोरी झीनी चदरिया 
प्यार के रगं मे मोहे रगं दे 

रूह मोरी , है बेरगं सी 

प्यार के रगं मे मोहे रगं दे 
 मै तो हूँ जोगनिया तेरी ...
हो गई रे ...तुझमे मलंग 
प्यार की भागं पिला दे रे 
बिखर गई तेरी रग-रग  में मै 

नशा ..अबीर का बना ले रे 

ओ रगंरेजा ....  ओ रगंरेजा   ....   
  ओ रगंरेजा    रे ... 
तेरे रंगो की होली मे ..
बह ,
सफ़र करती रही  मैं ...
बाँध  प्रीत की डोरी ऐसी ,
प्यार के रगं मे मोहे रगं दे रे ।


 बेरंग थी मै

बेरंग थी मै 


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