SHARDHANGLI ... श्रद्धांजलि ....
श्रद्धांजलि ....
व्यथित हर इक ह्रदय , और अश्रुपूरित हर आखँ है ..
रो रही धरती माँ ,सीना उसका लहूलुहान है !
बहुत हुआ है लाड़ -प्यार अब मुहँ पे तमाचा जड़ना है ,
तोड़ कर पाबन्दियाँ सारी
अब दुश्मन को नेस्तनाबूद करना है !
अब दुश्मन को नेस्तनाबूद करना है !
बर्बरता दिखलाकर हर बार , दहशत जो फैलाई है ,
ना रूकेंगे ना ही झुकेंगे , बारी हमारी अब आई है !
कमज़ोर और लाचार नही हम ,मोहब्बत -
भाईचारे के मारे है ...२
भाईचारे के मारे है ...२
बहुत कर लिया प्रेम -प्यार , अब अगांरो पे चलना है !
नापाक इरादे वालों का , जड़ से सफ़ाया करना है -२ ,
ना रहेंगे अब ख़ामोश ये लब , भीतर लावा खोल रहा है !
ना सहेंगे अब ज़ुल्म कोई # आतंक का ..
होगा हर ज़ुल्म का हिसाब ये # हिन्दोस्तान बोल रहा है !
नम है हर आँख , हर सीने मे तूफ़ान है ..
ग़ुस्से में है अब सारा -
सारा हिन्दोस्तान है !
ना हो हिम्मत मेरी ज़मीं पर , फिर पैर रखने की
चीर के सीना आतंक का , परचम फिर फहराना है ।
कमज़ोर नही है हम , पाक को उसका अक्स दिखाना है !
बहुत कर लिया प्रेम -प्यार , अब अगांरो पे चलना है ,
नापाक इरादे वालों का , जड़ से सफ़ाया करना है !
नापाक इरादे वालों का , जड़ से सफ़ाया करना है
तोड़ कर पाबन्दियाँ सारी ,
अब दुश्मन को नेस्तनाबूद करना है ,
अब दुश्मन को नेस्तनाबूद करना है ,
बहुत हुआ है लाड़ -प्यार अब मुहँ पे तमाचा जड़ना है !!
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