HASEEN KHWAB .. हसीं ख़्वाब
खुली पलकों मे उगते है
ख़्वाब ऐसे ...
जैसे बन्द दरीचो में उगती हो
हसरतें ,
इक दस्तक सी होती है ....
फिर ख़्यालों में
आँख का परदा सरकाकर देखता हूँ
एक आस की किरण झाँक ,
मुझको ताक रही है ।
पूछ रही थी जैसे पता # मेरा ???
आखोँ को बड़ा कर यूँ
नज़रें घुमा कर
दिला रही हो यक़ीं सा
मुझको एेसे ..
पता ...
तेरा ही पूछ रही हूँ ,
यहाँ -वहाँ बस
तुझको ही ढूँढ रही हूँ
लाई हूँ उम्मीद का सूरज ....
चदाँ की रोशनी ...
सोये ख़्वाबों को
जगाने आई हूँ
चल उतार दे तू ,
अब मायूसी की चादर ,
ख़ुशियों का बादल तुम पर
बरसाने आई हूँ ...
चल चले दूर बहुत दूर ,
ना खत्म होने वाले
खूबसूरत से सफर पर,
अब दे तू हक़ीक़त अपने हर खा्ब को
तभी .....
मधुर सा संगीत बज उठा
मेरे कानों में,
मैं मदहोश सा पलकों से
नींद की चादर हटा ,
एक उत्साह के साथ दरवाज़े की तरफ
भागता हुआ मैं,
शायद उसे खोलने से पहले ही
किसी का प्रतिबिंब बना लेता हूं मन में ,
एक क्षण में ही लांघ जाना चाहता हूँ
उन चार कदम के फासलों को ...
उन चार कदम के फासलों को ...
बहुत बेताब हूँ बस
उसकी इक झलक पाने को ...
उसकी इक झलक पाने को ...
अपनी ख़ुशी को बाँहें पसार कर
गले मिलने को
️
गले मिलने को
तेज़ी से भागता हूँ
दरवाज़ा खोलने को...
दरवाज़ा खोलने को...
पर अचानक से बज उठता है
घड़ी का # अलार्म,
औऱ
घड़ी का # अलार्म,
औऱ
खुलते ही आखँ तो .....
सारे सपनों के मंज़र खो जाते है ।
सारे सपनों के मंज़र खो जाते है ।
बजता है जब
मेरी घड़ी का # अलार्म
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